भारत में स्मार्टफोन उपयोग करने वाले करोड़ों लोगों के लिए एक बड़ा बदलाव सामने आया है। केंद्र सरकार ने मोबाइल निर्माताओं को निर्देश दिया है कि वे अपने सभी नए स्मार्टफोनों में Sanchar Saathi ऐप को प्री-लोड करके ही बिक्री के लिए पेश करें। इस ऐप को फोन से हटाया भी नहीं जा सकेगा।
फैसले के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएँ तेज़ हो गई हैं और तकनीकी विशेषज्ञ प्राइवेसी पर गंभीर सवाल उठा रहे हैं।
Sanchar Saathi ऐप क्या है और इसका उद्देश्य क्या है?
Sanchar Saathi ऐप दूरसंचार विभाग द्वारा विकसित एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो मोबाइल चोरी, फर्जी IMEI नंबर, गलत सिम जारी होने और साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए तैयार किया गया है।
यह ऐप उपयोगकर्ताओं को कई सुविधाएँ देता है, जैसे—
-
फोन का IMEI नंबर चेक करना
-
चोरी/खोए फोन को ब्लॉक कराना
-
अपने आधार पर कितने SIM सक्रिय हैं, यह पता लगाना
सरकार का दावा है कि यह कदम मोबाइल सुरक्षा को मजबूत करेगा और बढ़ते फर्जीवाड़े पर रोक लगाएगा।
ऐप को अनइंस्टॉल न कर पाने से पैदा हुई चिंता
सबसे बड़ा विवाद इसी बात पर है कि Sanchar Saathi को हटाया नहीं जा सकेगा।
उपयोगकर्ताओं का कहना है कि किसी भी ऐप को इंस्टॉल या अनइंस्टॉल करने का अधिकार उनके पास होना चाहिए।
इसके अलावा, प्राइवेसी को लेकर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। लोग जानना चाहते हैं कि यह ऐप किस प्रकार का डेटा एक्सेस करेगा और उस डेटा का इस्तेमाल कैसे होगा। पारदर्शिता की कमी और जन-सहमति के अभाव के कारण बहस और भी बढ़ गई है।
नए फोन खरीदारों पर क्या असर पड़ेगा?
नए नियम लागू होने के बाद—
-
2026 से लॉन्च होने वाले सभी फोन में Sanchar Saathi ऐप पहले से मौजूद होगा
-
फोन सेटअप करते समय ऐप हटाया नहीं जा सकेगा
-
उपयोगकर्ता चाहे या न चाहे, ऐप फोन में रहेगा
सरकार यह भी संकेत दे चुकी है कि पुराने फोन में भविष्य के अपडेट के माध्यम से यह ऐप शामिल किया जा सकता है।
क्या यह कदम सुरक्षा के नाम पर निगरानी बढ़ाएगा?
तकनीकी विशेषज्ञों का कहना है कि ऐप का उद्देश्य भले ही सुरक्षा हो, लेकिन इसे अनिवार्य बनाना निगरानी बढ़ाने जैसा हो सकता है।
उपयोगकर्ताओं को डर है कि उनका निजी डेटा, लोकेशन या फोन एक्टिविटी कहीं सरकार की निगरानी का हिस्सा न बन जाए।
हालांकि सरकार का दावा है कि ऐप केवल सुरक्षा और पहचान सत्यापन से जुड़े काम करेगा, लेकिन जब तक इसकी डेटा नीति स्पष्ट रूप से सामने नहीं आती, लोगों की शंकाएँ खत्म होना मुश्किल है।
निष्कर्ष: सुरक्षा की जरूरत सही, लेकिन प्राइवेसी पर समझौता नहीं
Sanchar Saathi ऐप निश्चित रूप से मोबाइल सुरक्षा में मदद कर सकता है, लेकिन इसे अनिवार्य और अनइंस्टॉल न होने वाला बनाना उपयोगकर्ताओं की स्वतंत्रता और प्राइवेसी दोनों पर सवाल खड़े करता है।
सरकार को चाहिए कि वह इस ऐप की डेटा सुरक्षा, उपयोग प्रक्रिया और सीमाओं को सार्वजनिक करे।
जब तक पारदर्शिता नहीं होगी, यह कदम लोगों के बीच भरोसे के बजाय विवाद ही बढ़ाएगा।



